Description
इंसान बंधा खुद लेख से अपने, लेख बिधाता कलम से हो
कलम चले खुद कर्म पे अपने, झगडा अक्ल न क़िस्मत होमुझे आज बहुत बड़ी खुशी का अनुभव हो रहा है कि ज्योतिषगुरु जी द्वारा इल्म सामुद्रिक की लाल किताब 1952 का हिंदी लिपियांत्रण करके साल 2015 में डिजिटल रूप में समाज को अर्पित करने का प्रयास किया है । इस महान विद्या से मेरा बहुत पुराना रिश्ता है। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस किताब के रचियता पंडित रूप चंद जोशी जी के आशीर्वाद से इसे आमजन तक पहुंचाने का प्रयास किया है।
पंडित जी द्वारा अपने संपूर्ण जीवन में पांच उर्दू ग्रंथ रचे गए। ये पांचों आज के समय में ज़्योतिष समाज के लिए एक प्रकाश स्तम्भ का काम कर रहे हैं। मैं समझता हूं इस पर एक बहुत बड़े शोध कार्य की जरूरत है, और ये शोध कार्य तब ही संभव हो सकता जब ये पांचों ग्रंथ सभी के पास हिंदी भाषा में उपलब्ध हो सकें।
ज्योतिष गुरु नागपाल जी के मन में बहुत लम्बे समय से ये धारणा बनी हुई थी कि सब ग्रंथ का विशुद्ध हिंदी लिपियांत्रण होना चाहिए और हर पाठक तक बाआसानी पहुंचना चाहिए। इस बड़े काम को अपनी लगन और मेहनत से सार्थक करने का बीड़ा उठाया गया था। य कार्य ज्योतिष गुरु नागपाल जी द्वारा इल्म सामुद्रिक की लाल किताब के अरमान 1940 का बहुत पहले ही पूरा कर लिया गया था। अब इसको हार्ड बुक के रूप में सब के लिए करवाया जा रहा है।
Adelaide –
It’s genuinely very complex in this busy life to listen news on TV, so
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