राहु ख़ाना नंबर 1 में सूरज ग्रहण में पर कैसे

राहु ख़ाना नंबर 1
आज से अहम लाल किताब में ग्रहों के बारे में विस्तार से बताने के लिए एक श्रृंखला शुरू करने जा रहे हैं इसी कड़ी में

https://youtu.be/TGQTcqtKPTQ?si=GIeoAfEI56Pxi_o9

हम लाल किताब के अनुसार राहु ख़ाना नंबर 1 में बारे में बात करेंगे

लाल किताब में राहु ख़ाना नंबर 1 के वक़्त लिखा गया है
हाथी बैठा तख्त पर, तो तख्त थर्राने लगा,
सूरज बैठा हो जिस घर, ग्रहण वहां आने लगा।
लाल किताब में लिखी गई हर एक पंक्ति हर एक शब्द अपना विशेष महत्व रखते हैं।
तो ये पंक्तियाँ भी जो आपको स्क्रीन पर दिखाई दे रही हैं ये भी अपना विशेष महत्व रखती हैं।
अब इन पंक्तियों को विस्तार से समझने का प्रयास करते हैं। सबसे पहले हम ये जानने का प्रयास करते हैं कि इन पंक्तियों में हाथी किसको कहा गया है,
यदि आप ज्योतिष के संबंध में थोड़ी सी भी जानकारी रखते हैं तो
इस बात का अंदाज़ा तो आपको हो गया होगा।
लाल किताब में राहु को हाथी नाम से परिभाषित किया गया है
और तख्त ख़ाना नंबर 1 को बोला गया है,
ये लाल किताब कि अपनी वो तिलिस्मी भाषा है। जो बहुत ध्यान देने पर ही समझ में आती है
वर्ना ऊपर से निकल जाती है

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About Original Lal Kitab 1940

इंसान बंधा खुद लेख से अपने, लेख बिधाता कलम से हो कलम चले खुद कर्म पे अपने, झगडा अक्ल न क़िस्मत हो
मुझे आज बहुत बड़ी खुशी का अनुभव हो रहा है कि ज्योतिषगुरु नागपाल जी द्वारा इल्म सामुद्रिक की लाल किताब 1952 का हिंदी लिपियांत्रण करके साल 2015 में डिजिटल रूप में समाज को अर्पित करने का प्रयास किया है । इस महान विद्या से मेरा बहुत पुराना रिश्ता है। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस किताब के रचियता पंडित रूप चंद जोशी जी के आशीर्वाद से इसे आमजन तक पहुंचाने का प्रयास किया है। मुझे आज बहुत बड़ी खुशी का अनुभव हो रहा है कि ज्योतिषगुरु नागपाल जी द्वारा इल्म सामुद्रिक की लाल किताब 1952 का हिंदी लिपियांत्रण करके साल 2015 में डिजिटल रूप में समाज को अर्पित करने का प्रयास किया है । इस महान विद्या से मेरा बहुत पुराना रिश्ता है। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस किताब के रचियता पंडित रूप चंद जोशी जी के आशीर्वाद से इसे आमजन तक पहुंचाने का प्रयास किया है। पंडित जी द्वारा अपने संपूर्ण जीवन में पांच उर्दू ग्रंथ रचे गए। ये पांचों आज के समय में ज़्योतिष समाज के लिए एक प्रकाश स्तम्भ का काम कर रहे हैं। मैं समझता हूं इस पर एक बहुत बड़े शोध कार्य की जरूरत है, और ये शोध कार्य तब ही संभव हो सकता जब ये पांचों ग्रंथ सभी के पास हिंदी भाषा में उपलब्ध हो सकें। ज्योतिष गुरु नागपाल जी के मन में बहुत लम्बे समय से ये धारणा बनी हुई थी कि सब ग्रंथ का विशुद्ध हिंदी लिपियांत्रण होना चाहिए और हर पाठक तक बाआसानी पहुंचना चाहिए। इस बड़े काम को अपनी लगन और मेहनत से सार्थक करने का बीड़ा उठाया गया था। य कार्य ज्योतिष गुरु नागपाल जी द्वारा इल्म सामुद्रिक की लाल किताब के अरमान 1940 का बहुत पहले ही पूरा कर लिया गया था। अब इसको हार्ड बुक के रूप में सब के लिए करवाया जा रहा है।

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Moon House No. 1 || चन्द्र ख़ाना नंबर 1

लाल किताब के अनुसार चंद्र मन का कारक है। इस जगत की धरती माता को चंद्र माना गया है लाल किताब में। इष्ट देव में दयालु श्री शिव जी भोलेनाथ के नाम से परिभाषित किया गया है। उम्र की किश्ती का समंदर की उपमा भी चंद्र को ही दी गई है। चंद्र ख़ाना नंबर एक के बारे में लिखा गया है कि माता जिन्दा होने तक जर व दौलत-खालिस दूध