आज फिर से लाल किताब के अनुसार सूरज ख़ाना नंबर 2 के बारे में में थोड़ा सा जानने का प्रयास करते हैं, लाल किताब में पेज नंबर 318 पर सूरज ख़ाना नंबर 2 के बारे में कहा गया है।
न ही औरत ज़ात बढ़ती – न गुरु प्रधान हो, याद इतना हो जरूरी – छोड़ देना दान को
लाल किताब में लिखी गई हर पंक्ति अपना हर शब्द अपना विशेष महत्व रखते हैं। सूरज ख़ाना नंबर 2 में हो तो इन उपरोक्त पंक्तियों का अर्थ क्या है, आज इसी को जानने का प्रयास करेंगे।
इसी कड़ी में इस पंक्ति में लिखे शब्दों को आसान शब्दों में समझाने का प्रयास किया जा रहा है। इस पंक्तियों में भी एक बहुत बड़ा संदेश दिया गया है।
अब इस पंक्तियों में जो समझाने का प्रयास किया गया उसे समझने कर प्रयास करते हैं। इस उपरोक्त लाइन में ये समझाने का प्रयास किया गया है कि ख़ाना नंबर 2 में बैठा हुआ सूरज अपने दुश्मन ग्रह शुक्कर की चीज़ों पर बुरा असर देगा। क्यूंकि ख़ाना नंबर 2 शुक्कर का घर है। ख़ाना नंबर 2 में वृष राशि पड़ती है और वृष राशि का मालिक शुक्कर है। सूरज ख़ाना नंबर 2 में बैठे वक़्त ज़र-जोरू-ज़मीन के झगड़े ऐसे जातक को बुरा असर देंगे।
याद इतना हो जरूरी – छोड़ देना दान को
इस दूसरी लाइन में एक उपाय के तौर पर परहेज़ बताया गया है। जिस जातक की भी कुंडली में सूरज ख़ाना नंबर 2 के वक़्त चंद्र ख़ाना नंबर 8 में हो तो ऐसा जातक किसी से भी मुफ़्त में कोई भी चीज़ न ले और न ही किसी प्रकार का दान ले। यदि जातक ऐसा करता है तो उसे नुक़सान उठाना पड़ेगा। लाल किताब ऐसे ही रहस्यमय शब्दों से भरी पड़ी है। फिर मिलेंगे एक नये विषय के साथ।
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